Dhanteras 2025: धनतेरस कब है? धनतेरस पर क्यों जलाते है 13 दीपक?  जाने अभी!

 

 

धनतेरस, जिसे “धनत्रयोदशी” भी कहा जाता है, दीपावली पर्व का पहला और अत्यंत शुभ दिन माना जाता है। यह दिन धन, स्वास्थ्य और समृद्धि की देवी मां लक्ष्मी और धन के देवता कुबेर की पूजा के लिए समर्पित होता है। ज्योतिषीय दृष्टि से यह दिन वर्ष का सबसे शुभ योग लेकर आता है , जब ग्रहों की स्थिति व्यक्ति की आर्थिक उन्नति, नए कार्यों की शुरुआत और आरोग्य प्राप्ति के लिए अनुकूल होती है। आइए जानते हैं धनतेरस 2025 का ज्योतिषीय विश्लेषण, शुभ मुहूर्त और इसके गूढ़ रहस्य। आज ओमांश एस्ट्रोलॉजी धनतेरस 2025 से संबंधित बेहद अहम जानकारी लेकर प्रस्तुत है!

 

#धनतेरस 2025 कब है?

धनतेरस 2025 में 18अक्टूबर को मनाई जाएगी।

यह दिन कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को आता है।

ज्योतिष के अनुसार जब त्रयोदशी तिथि संध्या समय तक बनी रहे, तो वही दिन धनतेरस का सबसे शुभ माना जाता है।

 

**धनतेरस 2025 की तिथि और मुहूर्त इस प्रकार हैं:

 

**तिथि : शनिवार, 18 अक्टूबर 2025

**मुहूर्त (पूजा समय): लगभग 07:16 PM से 08:20 PM तक

**धनतेरस का ज्योतिषीय महत्व;

 

धनतेरस के दिन चंद्रमा और धन भाव (द्वितीय भाव) की स्थिति को विशेष रूप से देखा जाता है। 2025 में धनतेरस के समय चंद्रमा मीन राशि में रहेगा, जो कि गुरु ग्रह के स्वामित्व वाली राशि है।इससे यह दिन आर्थिक निवेश, स्वर्ण-खरीद, स्वास्थ्य-संबंधी उपचार और आय के नए स्रोतों की शुरुआत के लिए अत्यंत शुभ सिद्ध होगा।

 

** धनतेरस 2025 ग्रहों की स्थिति

 

सूर्य: तुला राशि (नीचस्थ स्थिति में)

चंद्रमा: मीन राशि

मंगल: कर्क राशि में

बुध: तुला राशि में

गुरु: मिथुन राशि में

शुक्र: कन्या राशि में

शनि: मीन राशि में (गुरु के साथ युति)

राहु: मीन राशि में

केतु: कन्या राशि में

 

 

इस वर्ष गुरु-शनि-राहु की युति मीन राशि में विशेष संयोग बना रही है।

यह संकेत देता है कि जो व्यक्ति इस दिन बुद्धिमानी से के धन का प्रयोग करेगा, दीर्घकालिक आर्थिक स्थिरता प्राप्त करेगा।

हालांकि जोखिम भरे निवेशों से बचना बेहतर होगा, क्योंकि राहु की उपस्थिति भ्रम पैदा कर सकती है।

 

💰 धनतेरस पर क्या खरीदें ?

 

धनतेरस के दिन खरीदी गई वस्तु शुक्र ग्रह से जुड़ी मानी जाती है। शुक्र सौंदर्य, वैभव, धन और सुविधा का कारक ग्रह है।

इस दिन खरीदी गई चीज़ें पूरे वर्ष समृद्धि का प्रतीक बनती हैं।

 

**क्या खरीदना शुभ है:

1. सोना या चांदी – लक्ष्मी कृपा के लिए।

2. पीतल या तांबे के बर्तन – सूर्य और मंगल के शुभ फल हेतु।

3. स्टील की वस्तुएं – शनि के सकारात्मक प्रभाव हेतु।

4. झाड़ू – ऋण मुक्ति और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए।

5. लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति – दीपावली पूजन के लिए।

 

 

🚫 क्या न खरीदें:

 

*काले कपड़े

*कांच या प्लास्टिक की वस्तुएं

*नुकीले औजार या कैंची

क्योंकि यह राहु और केतु से संबंधित ग्रहदोष बढ़ाते हैं।

 

 

#धनतेरस और भगवान धन्वंतरि की पूजा;

धनतेरस को “धन्वंतरि जयंती” भी कहा जाता है क्योंकि इस दिन समुद्र मंथन से भगवान धन्वंतरि प्रकट हुए थे।

वे आयुर्वेद और स्वास्थ्य के देवता माने जाते हैं।

इस दिन स्वास्थ्य की कामना से धन्वंतरि देव की पूजा करने पर रोगों से मुक्ति और दीर्घायु प्राप्त होती है।

 

 धनतेरस पूजन विधि:

 

1. पूर्व दिशा की ओर मुख कर दीप प्रज्वलित करें।

2. भगवान धन्वंतरि की प्रतिमा या चित्र पर पुष्प, दीपक, धूप और नैवेद्य अर्पित करें।

3. “ॐ धन्वंतरये नमः” मंत्र का 108 बार जप करें।

4. तांबे के पात्र में जल भरकर पूजा में रखें — यह स्वास्थ्य का प्रतीक है।

 

**राशि अनुसार धनतेरस उपाय (2025)

 

राशि –उपाय –फल

मेष – तांबे का सिक्का लक्ष्मी मंदिर में दान करें धनलाभ और मान-सम्मान में वृद्धि होगी

 

वृषभ – सफेद वस्त्र में चावल और मिश्री बांधकर तिजोरी में रखें आर्थिक स्थिरता प्राप्त होती है!

 

मिथुन – हरे रंग की वस्तु या पन्ना रत्न धारण करें व्यापार में लाभ प्राप्त होता हैं!

 

कर्क-चांदी की वस्तु खरीदें पारिवारिक सुख वृद्धि होगी!

 

सिंह — तांबे का बर्तन जल से भरकर पूजन करें स्वास्थ्य में सुधार मिलेगा!

 

कन्या– तुलसी पर दीपदान करें मानसिक शांति प्राप्त होती है!

 

तुला– गुलाबी कपड़े में सिक्के बांधकर रखें प्रेम और सौभाग्य वृद्धि होगी!

 

वृश्चिक– लाल कपड़े में गुड़ और चना हनुमान मंदिर में रखें ,ऋण से मुक्ति मिलेगी!

 

धनु– पीले पुष्पों से लक्ष्मी पूजन करें ,व्यवसाय में उन्नति होगी !

 

मकर– सरसों के तेल का दीप जलाएं, बुरी नजर से रक्षा होती हैं!

 

कुंभ– नीले कपड़े में चांदी का सिक्का रखें, अचानक लाभ प्राप्त होगा!

 

मीन– स्फटिक लक्ष्मी की पूजा करें धन वृद्धि और लक्ष्मी स्थायित्व मिलेगा!

 

**लक्ष्मी कृपा के विशेष ज्योतिषीय योग (2025)

 

इस वर्ष धनतेरस के दिन शुक्र और बुध की युति तुला राशि में होगी, जो “धन योग” का निर्माण करती है।

यह योग संकेत देता है कि व्यापार, रचनात्मक कार्यों और नए निवेशों में सफलता मिलेगी।

साथ ही शुक्रवार का दिन स्वयं लक्ष्मी का प्रिय वार होने से यह संयोग और भी शक्तिशाली बन जाता है।

 

**ज्योतिष के मुताबिक अचूक उपाय;

 

1. संध्या के समय दीपक जलाना अनिवार्य है। यह राहु-दोष और दरिद्रता को समाप्त करता है।

 

2. घर के मुख्य द्वार पर 13 दीपक जलाएं। यह तेरहवीं तिथि का प्रतीक है और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है।

 

3. तिजोरी या धन स्थान पर गोमती चक्र रखें। यह लक्ष्मी स्थायित्व को बढ़ाता है।

4. गुलाबी या सफेद वस्त्र धारण करें। शुक्र को प्रसन्न करता है।

5. काले या गहरे नीले रंग से परहेज करें।

 

धनतेरस 2025 एक अत्यंत शुभ और ऊर्जा से भरपूर दिन होगा

इस वर्ष ग्रहों की स्थिति ऐसी है कि जो व्यक्ति ईमानदारी और श्रद्धा से लक्ष्मी व धन्वंतरि पूजा करेगा,

उसके जीवन में धन, स्वास्थ्य और स्थायित्व का स्थायी योग बनेगा।

 

यह केवल सोना-चांदी खरीदने का दिन नहीं है,

बल्कि अपने जीवन में “धन” के वास्तविक अर्थ — सकारात्मक ऊर्जा, स्वास्थ्य, और आत्मसंतोष को आमंत्रित करने का अवसर है।

“धनतेरस की शुभकामनाएं — आपके जीवन में सदा धन, आरोग्य और समृद्धि का प्रकाश बना रहे।”

Related posts:

पति-पत्नी में झगड़े क्यों होते हैं ? पति-पत्नी में कलह किस ग्रह का असर? जानिए असली कारण और उपाय!

कमज़ोर बुध के लक्षण और उपाय

मेष और वृश्चिक राशि के बीच क्यों होती है तकरार? अनसुना रहस्य

Tulsi ke upay: तुलसी के पत्तो को छू कर ये एक मंत्र बोले ,चमत्कारी फायदे

Nirjala Ekadashi 2025: निर्जला एकादशी 2025 में कब है?

Guruvar ke upay: हल्दी के उपाय से जगाएं सोया हुआ भाग्य, भगवान श्री हरी होते है प्रसन्न

कौन सी 3 राशियों को अचानक मिल सकता है अपार धन लाभ ! कुंडली में बना है राजयोग! जानिए कौन सी 3 राशियां...

Mangal Gochar 2025: क्या आपके लिए 2025 में मंगल का गोचर शुभ रहेगा?

Aditya hriday strot in hindi: जीवन के हर क्षेत्र में सफलता दिलाता है आदित्य हृदय स्त्रोत

शनिवार को जन्मे लोग, क्यू आते है इनके जीवन में उतार चढ़ाव, क्यूं झेलना पड़ता है संघर्ष

हनुमान चालीसा पढ़ते हुए भूलकर भी ना करें ये गलती

गाल पर तिल का मतलब: सौभाग्य, प्रेम या कुछ और?